इन्होंने अपने देश तथा देशवासियों की तरक्की(grow) तथा छोटी -छोटी खुशियों का भी भरपूर ध्यान रखा | महान व्यक्ति डॉ. कलाम के जीवन से सम्बंधित(relative) बहुत से प्रसंग हे | जिनको जानने व पढ़ने के बाद इनके प्रति सम्मान(respect) और बढ़ जाता हैं तथा हम भी अपने अंदर कुछ - न - कुछ सकारात्मक(positive) परिवर्तन(change) लाने के लिए प्रेरित(inspire) होते हैं | इन्हीं प्रसंगों में से कुछ हम आपके साथ बांटना(share) चाहते हैं |
एक वैज्ञानिक(scientist) था | उसकी बेटी(daughter) का जन्मदिन(birthday ) था | अतः उसने अपने उच्चाधिकारी (boss) से कहा कि आज मेरी बेटी का जन्मदिन हैं | उसे आज बाहर घुमाने ले जाना चाहता हूँ इसलिए मैं घर दस बजे की जगह पांच बजे जाना चाहता हूँ |
बॉस ने उसे 'हां ' कहकर स्वीकृति(permission) दे दी लेकिन वह वैज्ञानिक इतना व्यस्त(busy) हो गया कि उसे समय का ध्यान ही नहीं रहा बॉस ने उसके काम में कोई दखल नहीं दिया और चुपचाप वह से चले गए | जब वैज्ञानिक ने अपने काम से निपटा तो देखा कि दस बज गए हैं |
अपने घर पहुंच कर उसने अपनी पत्नी(wife) से पूछा - शाम को मेरे न आने पर हमारी बेटी दुखी तो नहीं हुई ? उसकी पत्नी ने जवाब(answer) दिया कि आपके बॉस आए थे और हमारी बेटी को बाहर घुमाने के लिए ले गए थे | वो बॉस कोई और नहीं डॉ. कलाम हैं |
डॉ कलाम ने सन 1958 से 1980 तक इन्होने कई परमाणु मिसाइल भी बनाए थे | डॉ कलाम को कई पुरस्कार(award) भी दिए गए थे |
जैसे :- भारत रत्न 1981
इन्दिरा गाँधी राष्ट्रीय एकता पुरस्कार 1997
रामानुजन पुरस्कार 2000 .
धन्यवाद(thank you)
sj khan
नित्य झा
Nice blog
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